हालांकि कुछ लोग आंखें खोलकर भी सो सकते हैं और कुछ लोग नींद में चलते भी हैं लेकिन सोते समय आंखें बंद करने के जो कारण समझ आते हैं, वे इस प्रकार हैं - सोने का काम दिमाग करता है लेकिन आवाजे और रोशनी दिमाग को अटकाए रखती हैं। दिमाग को सोने का संकेत देने के लिए हमे आवाज और रोशनी से दूर जाना होता है। आंखें बंद कर लेने से विजुअल इनपुट कम हो जाता है। इसके अलावा आखें बंद रखने से सोते समय आंख में कुछ जाता भी नहीं है। इससे आंखें सुरक्षित रहती हैं।
मधुमक्खी के काटने पर हमें तीखी जलन का अहसास क्यों होता है?
मधुमक्खी डंक मारती है तो एपिटॉक्सिन और फेरोमांस नामक दो रसायन छोड़ती है। दरअसल मधुमक्खी डंक मारना नहीं चाहती। वह डंक तभी मारती है, जब उस पर या उसके छते पर हमला बोला गया हो। एपिटॉक्सिन से जलन होती है। फेरोमोंस से दूसरी मधुमक्खियों को सावधान किया जाता है कि हमला होने पर दूसरी मक्खियां उसकी रक्षा के लिए आ जाएं।