भोजन के तुरंत बाद नीद या झपकी क्यों आती है? इसका वैज्ञानिक कारण क्या होता है? - काबोहाइड्रेट चिकनाई शुक्कर के सेवन के बाद जैसे ही ये पदार्थ हमारे पेट के भीतर छोटी आंत तक पहुंचते हैं, दिमाग पूरे शरीर को संदेश भेजता है कि आराम करो। इसे पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम कहते हैं। इसका मतलब है कि अब भोजन पचाने का समय है, शरीर के दूसरे कामों को रोको । शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के हाइपोथैल्मस क्षेत्र में ओरेक्सिन न्यूरॉन्स पता लगाया है, जो ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ते ही सक्रिय हो जाते हैं। ये न्यूरॉनप्रोटीन ओरेक्सिन तैयार करते हैं, जो दिमाग की जाग्रत अवस्था को कम करता है ताकि शरीर आराम करे। हमारा दिमाग और आतें दो ऐसे अंग है जिन्हे काम करने के लिए ऊर्जा की बड़ी मात्रा चाहिए। जब हम अधिक कैलोरी वाला भोजन करते हैं तो मस्तिष्क ऊजा को पाचन की ओर स्थानांतरित करता है। इसके लिए वह लाल रक्त कोशिका तोड़ने और शरीर में पोषक तत्वों को ले जाने के लिए भेजता है। जिस कारण शरीर सुस्त पड़ जाता है और नींद आती है। इसका मतलब यह भी है कि यदि आप जल्द पचने वाला भोजन करें तो सुस्ती कम होती है। दरअसल स्लीप ड्राइव मस्तिस्क के भीतर एक रसायन एंडनोसाइन के क्रमिक निर्माण के कारन होती है। जितनी देर इंसान जागा रहता है,एंडनोसाइन उसके भीतर सोने की इच्छा प्रेरित करता है। एडेनोसाइन रात को सोने से पहले और दोपहर की ज्यादा होता है। दोनों समय हमारे भोजन के भी हैं।